तन्हां

 मैं तन्हां तन्हां फिरती हूँ 

याद तुम्हें ही करती हूँ.....


रुखसत सी हो जाती हूँ 

यादों में खो जाती हूं 

साथ तुम्हें मैं पाती हूं 

पर देखना तुमको पाती हूँ ,


मैं तन्हां तन्हां फिरती हूँ 

याद तुम्हें ही करती हूँ .......


तन्हाइयों में गुम हो जाती हूँ

ख्यालों में खो जाती हूँ 

एहसास सा मैं पाती हूँ 

पर फिर मायूस हो जाती हूं ,


मैं तन्हां तन्हां फिरती हूँ 

याद तुम्हें ही करती हूँ .....


ये सांसे तेरी धुन गाती हैं

धड़कन भी थम सी जाती है

मैं खुद ही बनती मिटती हूँ ,


मैं तन्हां तन्हां फिरती हूँ 

याद तुम्हें ही करती हूँ......

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